प्रगति के दौर में बड़ी हो गयी
कलम दवात अब पैन हो गयी
बदलकर वेश, अपना परिवेश
आज के युग में हाईटेक हो गयी !! १२ !!
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मुन्नी से बच्ची, बच्ची से जवान हो गयी
वक़्त के संग संग चलकर महान हो गयी
दिन पर दिन चलता जाता है इसका जादू
कलम आज की दुनिया की शान हो गयी !! १३ !!
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किसी की ताकत किसी की कमजोरी बनी
हर इंसान के जीवन इसकी भागीदारी बनी
इसकी नही किसी से दोस्ती और दुश्मनी
कलम जरुरत के मुताबिक सबकी साथी बनी !! १४ !!
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डी. के. निवातिया____!!!
Read Complete Poem/Kavya Here कलम......... १२ , १३ , १४
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