देशभक्त कौन ? { कविता }
निज जननी के सामान , माँ भारती को दे जो सम्मान ,
उसके सुख ,यश व् मान हेतु एक करे अपने मन -प्राण ,
आराध्या हो जिसकी माँ , और वोह उसका सच्चा भक्त .
वही है देश भक्त …..
सुन नहीं सकता जो अपनी माँ की निंदा /आलोचना ,
कैसे सह सकता है वोह पुत्र माँ भारती की अवहेलना,
अपनी आराध्या की निंदकों का जो बहा देता है रक्त ,
वही है देशभक्त ….
अपने कर्तव्य -पथ पर जो रहता है सैदेव अग्रसर ,
अपनी हर ज़िम्मेदारी को निभाने में रहता तत्पर ,
नहीं करता वह बर्बाद बडबोलेपन में अपना वक्त .
वही है देशभक्त …..
मातृभाषा ,क्षेत्र -भाषा या राष्ट्रभाषा सब हैं पूजनीय ,
हमारी संस्कृति ,सभ्यता ,वेश , इतिहास है अग्रणीय ,
गौरवपूर्ण निज देश -स्तुति में रहता है आसक्त .,
वही है देशभक्त …..
देश के संविधान के प्रति हो जिसकी आस्था गहन ,
उसके कानून ,आचार-संहिता , अनुशासन का पालन ,
प्रेम -सोहाद्र , शांति ,सदाचार बहाली का जिसने लिया हो व्रत ,
वही है देशभक्त ….
अपनी राष्ट्र -संपत्ति , स्मारक और एतिहासिक धरोहर ,
यह है हमारे श्रधेय पूर्वजो की दी हुई अनमोल धरोहर ,
एक जागरूक नागरिक की तरह सभाल करे इनकी जो हर वक्त ,
वही है देश -भक्त …….
अपने मन -वचन -कर्म से ही नहीं , अपने जान से भी ,
प्रेम करे अपने देश को , माँ-भारती को अपने प्राणों से भी ,
के अपने बलिदान से भी ना चुके ,जब बहाना पड़े अपना भी रक्त ,
वही है देशभक्त ……
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें