गुरुवार, 17 दिसंबर 2015

आज भी यहाँ (हाइकु)

ये हिन्दुस्तान
सोने की चिडियाँ हैं
आज भी यहाँ !! 1

मेहनत से
भाग्य लिखे हैं हम
तुम भी लिखो !! 2

टूटते तारे
देख क्या माँगे होंगे
लालसी लोग !! 3

न्याय किताब
जाने कहाँ हैं गुम
ढूँढेगा कौन !! 4

पथ कठिन
हैं मंज़िल पाने की
फिर भी भीड़ !! 5

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