सोमवार, 4 जनवरी 2016

माँ (कविता)

माँ संसार का करिश्मा है तू
अँधेरे में रौशनी जगाये तू

शिक्षा की स्थापना करे तू
कष्ट आने पर मदद करे तू

संसार के सारे काम करे तू
चोट आने पर मोंम लगाये तू

लाखों में एक है तू
तुझ जैसा कोई नहीं

हर पाठ पढ़ाये तू
माँ तुझे सलाम

माँ तुझे कोटि कोटि प्रणाम

– नमन मेनन

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