शनिवार, 2 जनवरी 2016

और कितनी निर्भया

निर्भया जिन्दा है
भारत की आवाज़ बनके !
वो चिखती कह रही है ,
इन्साप चाहिए इन्साप चाहिए !
पर न्याय कब मिलेगी
यहाँ तो कानून अंधा है
और बहरा भी है !
फिर क्यो हमसब चुप हैं ?
युवा भारत के उबलते खून को क्या हुआ ?
और कितनी निर्भया
इस जुल्म को सहती रहेगी,
न्याय के लिये तरसती रहेगी !
ऐसे असामाजिक तत्व के
आखिर कब खातमा होंगी ,
या फ़िर लोग हर रोज
बस तमाशा दिखते रहेंगे !
क्यो हमसब अनदेखा कर रहे हैं !
कैसी जुल्म थमेगी ?
बस पहेली बनी हुई है ,
जो हमारी संस्कृति को कलंकित करती, समस्या बन चुकी है !
आवाज़ उठाने भर से कुछ नहीं होता,
हमें सख्त और ससक्त कदम उठाना होगा !
तभी हर रोज हो रही भारत माँ की अनेक निर्भया जैसी साहसी बेटियों की, जुल्म की शिकार नहीं होगी !!
Dushyant kumar patel

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