hindi sahitya
रविवार, 7 जून 2015
चमचागीरी-77
चमचा ऐसा चाहिए जो गुपचुप आग लगाये;
खुद को ले बचाये किन्तु औरों को दे फंसाये.
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चमचागीरी-77
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