सोमवार, 13 अप्रैल 2015

      आम आदमी

      मै एक आम आदमी हूँ
      सदियों पहले जहां था
      आज वर्षो बाद भी वही हूँ
      क्युकी मै आम आदमी हूँ !!

      सर्वदा से उपहास का प्रतीक
      शाशन प्रशाशन के बीच फंसा
      आशाओ के भरोसे जीता हूँ
      क्युकी मै आम आदमी हूँ !!

      तेली के कोल्हू का बैल बन
      किसी बूढ़े थके हारे लाचार सा
      एक जानवर बनकर रहता हूँ
      क्युकी मै आम आदमी हूँ !!

      रईसजादों का नौकर हूँ
      गरीबो के लिए सेवक हूँ
      खुद को भूल औरो के लिए जीता हूँ
      क्युकी मै आम आदमी हूँ !!

      हर किसी के लिए एक तुच्छ प्राणी
      दुनिया करती है मेरे संग मनमानी
      जहर को भी अमृत जान के पीता हूँ
      क्युकी मै आम आदमी हूँ !!

      गधे बनकर काम करता हु
      कुत्ते जैसा जीवन जीता हु
      गलियो को प्रसाद समझता हु
      क्युकी मै आम आदमी हूँ !!

      मंदिर हो या राज-दरबार
      राशन हो या अस्पताल
      कतार में रहने का आदी हूँ
      क्युकी मै आम आदमी हूँ !!

      स्कूल से लेकर आफिस तक
      हर जगह अपने जूते घिसता हु
      कैदियों से बदतर जीवन जीता हूँ
      क्युकी मै आम आदमी हूँ !!

      जीवन भर देह को सताता हूँ
      पेट ठीक से भर नही पाता हूँ
      एक घर की आस में जीता हूँ
      क्युकी मै आम आदमी हूँ !!

      दुनिया में बना एक खिलौना हूँ
      नेताओ की चाल का मोहरा हूँ
      कठपुतली बन के मै रहता हूँ
      क्युकी मै आम आदमी हूँ !!
      !
      !
      !

      डी. के. निवातियाँ _________!!!

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