मंगलवार, 16 जून 2015

चमचागीरी-90

कितने मूरख प्राणी न जाने आसान उपाए;
मेहनत से भूखा मरे चमचागीरी में लड्डू खाए.

Share Button
Read Complete Poem/Kavya Here चमचागीरी-90

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें