शनिवार, 27 जून 2015

कोई तुम से सीखे...... (प्रेम कविता)

    1. आँखों में बसाकर नजरे चुराना,
      कोई तुम से सीखे !!

      दिल में बैठाकर दूरिया बनाना,
      कोई तुम से सीखे !!

      लबो पे नाम मुस्कान से छुपाना,
      कोई तुम से सीखे !!

      मोहब्बत के ये राज छुपाना
      कोई तुम से सीखे !!

      दिल के अरमान नफरत से जताना
      कोई तुम से सीखे !!

      छोटी से शरारत में प्यार दिखाना,
      कोई तुम से सीखे !!

      मिलान के सपने दिल में छुपाना,
      कोई तुम से सीखे !!

      मिलन हुआ तो नजरे चुराना,
      कोई तुम से सीखे !!

      दिल की तड़प को हंसकर छुपाना,
      कोई तुम से सीखे !!

      बड़ी मासूमियत से ये सारी बाते
      चेहरे पे छलकती अदा से छिपाना
      कोई तुम से सीखे !!

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