शुक्रवार, 12 जून 2015

गुरु भक्ति करने वाले पार हो जाते हैं, दर्शन दर्शन गुरु का दर्शन पाते हैं
झोली खुशियों से अपनी भर ले जाते हैं, रहमत रहमत गुरु की रहमत पाते हैं

गुरु सेवा में खुद को मिटा लो, उनकी ताल से ताल मिला लो
मन में प्रीत की ज्योत जला लो, गुरु चरणों की लगन लगा लो
सेवा में जो अपने तन मन को भुलाते हैं, कृपा कृपा गुरु की कृपा पाते हैं
गुरु भक्ति करने वाले पार हो जाते हैं, दर्शन दर्शन गुरु का दर्शन पाते हैं…..

गुरु ज्ञान को मन में बसा लो, जीते जी तुम मुक्ति प् लो
आके अपना भाग्य बना लो, चरणों में तुम शीश झुका लो
श्र्द्धा रखने वाले पार हो जाते हैं, रह जाते, रह जाते, निगुरे रीते रह जाते हैं
गुरु भक्ति करने वाले पार हो जाते हैं, दर्शन दर्शन गुरु का दर्शन पाते हैं…..

बस गुरूवर के नाम में सुख हैं, सुखी वही हैं जो गुरुमुख हैं
जिसने नाम का दान लिया हैं, गुरु अमृत का पान किया हैं
गुरु अमृत को पाकर साधक तर जाते हैं, दर्शन, दर्शन गुरु का दर्शन पाते हैं
गुरु भक्ति करने वाले पार हो जाते हैं, दर्शन दर्शन गुरु का दर्शन पाते हैं…..

कृष्ण की बात कर्ण ने न मानी, रावण ने भी की मनमानी
सती जी ने भी सुनी न शिव की, क्यूँ की थी अपनी ही हानि
जो श्रद्धा को अपनी न अटल बनाते हैं, ठोकर, ठोकर सदा वो ठोकर खाते हैं
गुरु भक्ति करने वाले पार हो जाते हैं, दर्शन दर्शन गुरु का दर्शन पाते हैं…..

कष्टो में सदा गुरु सम्भाले, गुरवर हैं सबके रखवाले
कर देते जीवन में उजाले, हटा दो बादल दुखों के काले
वो धनभागी भक्ति और मुक्ति पाते हैं, दर पे, दर पे, जो गुरु के दर पे आते हैं
गुरु भक्ति करने वाले पार हो जाते हैं, दर्शन दर्शन गुरु का दर्शन पाते हैं…..

साईं सुरेशानंद जी के भजन से…..

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