गुरुवार, 25 फ़रवरी 2016

माँ मेरी माँ..........लैजेंट ऑफ़ फैन भगत सिंह 2016

माँ मुझसे मत पूछ की मुझे क्या नजर आ रहा है |
बस तुझमे ही अपना खुदा नजर आ रहा है |
तूने रखा जब मेरे सर पर वो दोनों हाथ , तो
सारे जहाँ की कामयाबी थी मेरे साथ
तूने खिलाई मुझे अपने हाथो से रोटी
तुही है सारे जहाँ का सबसे प्यारा मोती ……….
तुही मेरी जिंदगी तू ही मेरी माँ
मेरा बस चले तो तेरे कदमो में बिछा दू ये जहाँ
तुझ जैसा इस दुनिया में मिलेगा कोई कहाँ तूने मुझे जन्म दिया तुही मेरी माँ ………..
मेरे हसने पर तू हसी मेरे रोने पर तू रोई
मुझसे बड़ी ना ख़ुशी है तेरी कोई
मुझे ठण्ड से बचाने के लिए तू खुद सर्दी में सोई
मेरी मौत के सामने तू खुद खड़ी हो गयी ………..
माँ मुझसे मत पूछ की मुझे क्या नजर आ रहा है |
बस तुझमे ही अपना खुदा नजर आ रहा है |
सारी रात सारा दिन तुझको ही मैं याद करूँ
तू खुश रहे मेरी माँ
मैं रब से ये फरियाद करूँ …………
तेरे बिना मेरे जिंदगी अधूरी
तू ही मेरी ख़्वाहिश पूरी.
एक पुतले की जान है तू …….
खुशियों का जहान है तू
मेरी माँ महान है तू …………
अपने बेटे की नजरो में इसलिए भगवान है तू .
तेरी ममता की छाओं में मुझे पेड़ से भी अच्छी छाँव मिली
मैं बहुत किस्मत वाला हूँ की मुझे तुझ जैसी माँ है मिली ……….
हमारे घर की लक्ष्मी , हमारे घर की जान है तू , मेरे घर की पहचान है तू
मेरी माँ महान है तू …….
मुझ पर हक़ है तेरा क्यूंकि तू है मेरी माँ
तुझसे अच्छा कोई नही , तू ही मेरा जहाँ
हर दुःख सुख की साथी तू
हमारे दीपक की बाती तू ………
साहिल तेरी कहानी लिखे …….
तेरे इन संस्कारो पर धीरे धीरे चलना वो सीखे
मैं करता आप पर विश्वास
मेरे खून की रगो में माँ के नाम का हर साँस
पापा आपके जीवन साथी.
आपकी ये प्यारी सी जोड़ी . लगती जैसे दीपक और बाती
मुझको तू चाहे ……….मुझको ही तू याद करे.
मेरे जीवन में खुशियों की बरसात करे
मैं हर लम्हा तेरी याद में रोऊ
मैं आखरी साँस तक तेरी ही गोद में सोऊ…………
मेरी भी मिल जाये जिंदगी तुझको
तुझमे खुदा नजर आता है मुझको………..
दिल करता है मैं तेरी याद में खो जाऊ
पूरी जिंदगी के लिए तेरी गोद में सो जाऊ
तेरी ममता का साया हूँ ………..
इस दुनिया को देखने तेरी कोख से आया हूँ |

लेखक :- साहिल शर्मा S/o मनोज शर्मा
संपर्क :- 9896976601
8570066412
9812207400

Share Button
Read Complete Poem/Kavya Here माँ मेरी माँ..........लैजेंट ऑफ़ फैन भगत सिंह 2016

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें