तेरी बेवफाई के लिए भी सेज़ मै सजाऊंगा
  तेरी ख़ुशी के लिए,अपनी ख़ुशी का जनाजा मै उठाऊंगा
  दुनिया भी देखेगी , तेरी इस बेहयाई को
  तेरी चुनरी से अब,अपना कफ़न मै बनाऊंगा
हाथो में लगी मेहँदी का रंग,तेरा  फीका  पड़ जाये न
  अपने खून के हर कतरे से,तेरा हाथ सजाऊंगा
  तू सजेगी और संवरेगी ,भूलकर अपने इस दीवाने को
  ये दीवाना तेरी खातिर ,शहनाई  भी बजायेगा
तू मुझको भी याद करेगी,ऐसा कुछ कर जाऊंगा
  कांटा तेरे कदमो को न लगे,फर्श मै बन जाऊंगा
  तू उठेगी और जाएगी,अपने घर साजन को
  तुझको रुखसत करने के बाद,जिन्दा दफ़न हो जाऊंगा
तेरे लिए मौला से कहकर ,एक अलग जन्नत बनवाऊंगा
  तेरी हर खता के लिए,खुद को सजा  दिलाऊंगा
  मौला भी रोएगा,और कहेगा बस
  अब फिर कभी  न मै,ऐसा दीवाना बनाऊंगा 

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