मां
  तुमने कहा था न
  मत बनना
  भीड़ का हिस्सा
  मैं नहीं बना।
  पर मां
  तुम तो चली गई वहां
  जहां से कोई लौटता नहीं।
  देखो न
  भीड़ के पास क्या नहीं है।
  गाड़ि़यां, आदमी, दौलत, औरत, शराब, सत्ता
  वो मस्त हैं।
  उनके बच्चों का बीमा है
  बीवी के लिए सातों दिन के कपड़े हैं
  अलग-अलग रंग और डिजाइन के
  बच्चे मोटर में बैठते हैं
  कलर के हिसाब से
  इस दुनिया ने मुझे
  दो जून की रोटी के लिए
  तरसा दिया है मां
  भीड़ का हिस्सा होता तो
  तुम्हारे पोते-पोती के
  स्कूल का फीस भरता
  प्रिंसिपल की रिमाइंडर
  मेरे मोबाइल के
  मैसेज बाक्स तक आने के पहले
  1000 बार सोचती
  पर
  तुम्हारा कहना मैंने माना
  मैं भीड़ का हिस्सा नहीं बना।
  मां,
  एक बात बता दो।
  सपने में ही बता देना।
  जब तुम जानती थी कि
  भीड़ का हिस्सा बनने में ही फायदा है
  तब तुमने अपने इस भोले बच्चे को
  भीड़ से अलग रहने की
  कसम क्यों दी थी मां?
  क्यों???
शनिवार, 27 फ़रवरी 2016
भीड़ का हिस्सा
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