शुक्रवार, 26 फ़रवरी 2016

शहीदे आजम शहीद भगत सिंह ..... लेजेंट ऑफ़ फैन भगत सिंह 2016

भगत सिंह हमारे देश के सरताज़.
याद सताती है मुझे उनकी आज.
सच कहु तो (शहीदे आजम शहीद भगत सिंह) जैसा आज इस देश में ही नही बल्कि पूरी दुनिया में कोई नही है,
(शहीदे आजम शहीद भगत सिंह) कुछ लोग कहते है की वो भगवन के अवतार थे |
मगर मुझे लगता है की वो भगवन ही थे, (क्योंकि जैसे श्री कृष्ण भगवान ने लोगो को कंश से बचाया था,
वैसे ही मेरे आदर्श शहीदे आजम शहीद भगत सिंह जी ने भारत के वंश को बचाया था) कितनी भाग्यशाली थी वो माँ,
जिसकी कोख से ऐसे अवतार ने जन्म लिया,
(शहीदे आजम शहीद भगत सिंह) जी ने अपने घर का ही नही बल्कि पुरे देश का नाम रोशन किया है |
आज हम कभी भी किसी भी क्रन्तिकारी के बारे में सोचते है, तो सबसे पहले हमारे दिलो दिमाग में
एक ही महान पुरुष की तस्वीर दिखाई देती है और वो है (शहीदे आजम शहीद भगत सिंह) क्योंकि वो एक ऐसे महान इंसान थे
जिन्होने अपनी जिंदगी से ज्यादा देश को चाहा था, वो एक ऐसे महान इंसान थे, जिन्हे आज के नौजवान अपना आदर्श मानते हुए गर्व महसूस करते है |
जिन्हे मैं खुद अपना आदर्श मानता हु वो हमारे बीच चाहे भले ही न हो, मगर वो हमारे दिलो में, दिमाग में, सोच में. विचार में हमेशा थे, है और हमेशा रहेंगे, पर पता नही क्यूँ की (शहीदे आजम शहीद भगत सिंह) जी और उनके साथियों का जो देश आजाद करवाने का सपना था, वो कहि न कहि अधूरा सा लग रहा है, जो उन वीर सपूतों के दिमाग में जो इस देश की सुन्दर छवि बनी हुई थी वो कहि न कहि धुंधली सी दिखाई दे रही है क्योंकि उन्होंने तो एक गुलाम भारत देश को सोने की चिड़िया में बदल दिया था, उन्होंने अपने देश के लिए जो कुर्बानी दी थी, आज की पीढ़ी उस कुर्बानी का महत्व समझ नही पा रही है, हमारा देश भले ही अंग्रेजो की गुलामी से मुक्त हो गया हो, मगर हमारा देश भ्र्ष्टाचार, कन्या भ्रूण हत्या, दहेज़ प्रथा, गुंडागर्दी इन परेशानियों से ग्रस्त है, हमारे देश की हर बेटी घुट – घुट कर जी रही है, कोई न कोई लड़की किसी न किसी जानवर का शिकार हो रही है आज जब भी कभी हम सुबहः अख़बार उठा कर देखते है तो कोई न कोई बेटी फांसी लगाकर, दहेज़ के चक्कर में जला कर या दुष्कर्म का शिकार हुई दिखाई देती है, किसी और देश के ही नही बल्कि हमारे देश के दीमक ही हमारे देश को खोखला कर रहे है, जिस उम्र में (शहीदे आजम शहीद भगत सिंह) जी ने अपने देश के ऊपर जान न्योछावर की थी उस समय वो 23 वर्ष के थे, और आज के 18 वर्ष के नौजवान ही मर्दा पीते हुए, गुटका पान मसाला खाते हुए, सड़क दुर्घटना में मरे हुए दिखाई देते है हमे उनकी कुर्बानी का महत्व समझना होगा,
(शहीदे आजम शहीद भगत सिंह) जी …
जिन्हे हमारे देश की हर महिला और हर बुजुर्ग अपना बेटा,हर लड़की अपना भाई कहते हुए गर्व महसूस करती है ऐसे थे मेरे आदर्श (शहीदे आजम शहीद भगत सिंह) जी आइये हम प्रण लेते है की हम उनके दिखाए हुए रास्ते पर चलेंगे और हर लड़की को दूसरे की घर की इज़्ज़त समझने से पहले हम उसे अपने घर की इज़्ज़त समजेंगे |
(जय हिन्द, जय भारत)

लेखक :- साहिल शर्मा s/o मनोज शर्मा
संपर्क :- +919896976601,
+918570066412

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