बुधवार, 17 फ़रवरी 2016

मालिक

मेरा भी नसीब है मालिक|
तू मेरे करीब है मालिक|
दिल बगदाद का खलीफा है|
तन बिलकुल गरीब है मालिक|
मैं कंजूस हूँ हठीला हूँ,
रग रग में गुरुर है मालिक|
क्यों मुझको बना दिया ऐसा,
क्या मेरा कुसूर है मालिक|

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