हर शाम,
  लिए दो प्याले जाम,
  एक तेरे नाम, एक मेरे नाम,
  याद आती है, कुछ मुलाकातें,
  और कुछ साथ गुज़ारी शाम……….
चले थे जिन रस्तो पर,
  लिए हाथों मैं हाथ,
  बुने थे कुछ सपने,
  सतरंगी साथ साथ,
  मेरे सपने तो हैं, मेरे पास,
  तुमने ही कर दिए, किसी और क़े नाम……..
दिल दिल होता है, कोई ज़मीन नहीं,
  कभी कर दी इसके नाम, कभी उसके नाम,
  मेरा दिल तो है, एक परबत,
  अडिग, अचल, तेरे नाम, बस तेरे नाम……….
शिकवा गिला किस रिश्ते मैं नहीं होता,
  क्या तकरार मैं प्यार और प्यार मैं तकरार नहीं होता,
  क्या रूठने क़े बाद, मान जाने मैं मज़ा नहीं होता,
  तुम जो रूठी, तो सारी दुनिया मैं प्यार मेरा, हो गया बदनाम……

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