सोमवार, 27 अप्रैल 2015

अहसास

ज़िन्दगी के सफ़र में
वक़्त की पगडंडियों पर
कभी कोई मिला
कभी कोई बिछड़ा
मगर ……
कुछ मुलाकातें
खुशबू की तरह समां गयी हैं
अंतर्मन की गहराइयों में
इसलिए बिछड़कर भी
ताउम्र ..बना रहेगा
अहसास
उनके होने का

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