आज जीवन की एक सच्चाई पता चली,
सादगी दिखा कर बेवकूफ बना लेते है लोग,
  आप ही के कंधे पर पैर रख कर,
   आप को दबा देते है लोग,
  जब तक आप समझे इनको,
   छुरा पीठ में घोंप देते है लोग,
  आप के अरमानो को जला कर,
   आप पर ही हँसते है लोग,
  तमाशा बन जाते हो आप लोगों की नज़रों में,
  और वो तमाशबीन बन जाते है लोग |
समझ नहीं पाए कभी इस दुनिया की रीत को,
  यूँ तो मांगते है निडर, बिंदास लोग,
  पर जब मिले कोई ऐसा तो उसी का,
  तमाशा बना लेते है लोग,
  फिर क्यूँ चाहते है की हर
  रिश्ते में सच्चाई, ईमानदारी, विश्वास हो,
  जब हर रिश्ता झूठ की बुनियाद हो |
देखकर यह सब,
  झूठे ही सच्चे लगते है,
  धोखे ही अच्छे लगते है,
  काश बन पाते हम भी इन जैसे,
   तो पता चलता इनको ,
  धोखे में दर्द भरा है,
  बन जाता यह मर्ज़ बड़ा है|
बी.शिवानी
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