दिल्ली में रैली हुई बके केजरीवाल |
  लटके सिंह गजेन्द्र जी जनता है बेहाल ||
  जनता है बेहाल केजरी भाषण देते |
  सदा कुंवर विश्वास बलाएँ उनकी लेते ||
  कवि मर्यादा तोड़ बना कोई कवि बिल्ली |
  शाशक बनते ब्याध रो रही कब से दिल्ली ||
  कवि मर्यादा छोड़कर भटको मत विश्वास |
  ब्याध क्रौंच बध कर रहे बधिक दिखाते रास ||
  बधिक दिखाते रास हुआ कवि कुल है आहत |
  सच्चाई से दूर हुई है आम सियासत ||
  बाल्मीकि की आन न अब तुम तोड़ो ज्यादा |
  बन लवकुश प्रतिमान दिखा दो कवि मर्यादा ||
  कवि आभूषण है व्यथा भागो मत विश्वास |
  श्राप बधिक को दीजिये सिसक रही है लाश ||
  सिसक रही है लाश सियासत बनीं शिकंजा |
  लूट रहें हैं देश साइकिल झाडू पन्जा ||
  फूल बना है शूल तिमिर छाया में है रवि |
  सच बोलो विश्वास बनों भूषण जैसे कवि ||
  बिल्ली बनकर मत रहो शेर कुंवर विश्वास |
  शायर हो शायर रहो राजनीति बकवास ||
  राजनीति विश्वास अमर हर कवि होता है |
  खाकर थप्पड़ हाय केजरी भी रोता है ||
  शिव का है ऐलान बदल जायेगी दिल्ली |
  कवि या शायर शेर कभी भी बने न बिल्ली ||
  आचार्य शिवप्रकाश अवस्थी
  941224548
शनिवार, 25 अप्रैल 2015
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