शनिवार, 25 अप्रैल 2015

छंद

दिल्ली में रैली हुई बके केजरीवाल |
लटके सिंह गजेन्द्र जी जनता है बेहाल ||
जनता है बेहाल केजरी भाषण देते |
सदा कुंवर विश्वास बलाएँ उनकी लेते ||
कवि मर्यादा तोड़ बना कोई कवि बिल्ली |
शाशक बनते ब्याध रो रही कब से दिल्ली ||
कवि मर्यादा छोड़कर भटको मत विश्वास |
ब्याध क्रौंच बध कर रहे बधिक दिखाते रास ||
बधिक दिखाते रास हुआ कवि कुल है आहत |
सच्चाई से दूर हुई है आम सियासत ||
बाल्मीकि की आन न अब तुम तोड़ो ज्यादा |
बन लवकुश प्रतिमान दिखा दो कवि मर्यादा ||
कवि आभूषण है व्यथा भागो मत विश्वास |
श्राप बधिक को दीजिये सिसक रही है लाश ||
सिसक रही है लाश सियासत बनीं शिकंजा |
लूट रहें हैं देश साइकिल झाडू पन्जा ||
फूल बना है शूल तिमिर छाया में है रवि |
सच बोलो विश्वास बनों भूषण जैसे कवि ||
बिल्ली बनकर मत रहो शेर कुंवर विश्वास |
शायर हो शायर रहो राजनीति बकवास ||
राजनीति विश्वास अमर हर कवि होता है |
खाकर थप्पड़ हाय केजरी भी रोता है ||
शिव का है ऐलान बदल जायेगी दिल्ली |
कवि या शायर शेर कभी भी बने न बिल्ली ||
आचार्य शिवप्रकाश अवस्थी
941224548

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