बुधवार, 22 अप्रैल 2015

गुजरा जमाना

      याद आता आज वो गुजरा जमाना
      नजरो के पैमाने से पीना पिलाना !
      करके गुस्ताखियाँ नजर का चुराना
      जागे जागे सोना नींद में मुस्कुराना !!

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