गुरुवार, 30 अप्रैल 2015

जबसे तुझे मिला


जबसे तुझे मिला तुझी में खोने लगा
बदला अतीत मेरा दीवानो सा जीने लगा

ज़िन्दगी की हर ख़ुशी तुझी में ढूंढने लगा
मै अक्स बनके साथ तेरे चलने लगा

दिल की प्रेम डायरी में नाम तेरे लिखने लगा
भुल के दुनियाँ तेरे ईश्क मशगुल होने लगा

बिन सावन बदरा के यादो में झुमने लगा
दरख़्त के निचे बैठ तेरे इंतजार करने लगा

तुमसे मिलने नदी बन तेरे गली बहने लगा
जबसे तुझे मिला खुद को भुल जाने लगा

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