रचना बड़ी अवश्य है, कृपया दो मिनट का समय देकर जरूर पढ़े औए अपने विचार व्यक्त करे !!
पहले लोग मिसाल देते थे गरीबी में दाल रोटी की
  रोटी आज मुश्किल में है दाल ने दामन छुड़ा लिया !
  टमाटर दिखाता है वक़्त बे वक़्त अपने तेवर लाल
  महंगाई में अबकी प्याज ने जी भर के रुला दिया !
  अमीरो के लिए गाडी बंगले सस्ते होते हर बजट में
  टैक्स में देकर भरी छूट उनको राहत  दिला दिया !
  आम आदमी आते है अक्सर महंगाई की चपेट में
  गरीबो का सब्जी से रोटी खाना मुहाल करा दिया !
  एक कर कुछ रुपया जोड़ा था मुश्किल से गरीब ने
  कमबख़्तो ने बहकाकर वो भी जमा करा लिया !
  खुद रहते बंगले गाडी में पहनकर लाखो के सूटबूट
  किसानो के गले में फांसी का फन्दा लटका दिया !
  भूल गए पूर्वजो के बलिदान को उन्होंने कुछ किया ही नही
  देकर जनता बीच नारे बड़े बड़े मुदा विकास का बना लिया !
  लगाते है इंसानी जान की कीमत चंद कागज़ के टुकड़ो में
  वतन पे मरने वालो को एक राजनितिक मोहरा बना लिया !
  अरे कुछ तो शर्म करो पावन धरा के ईमानदार नेताओ
  आजादी के परवानो को सियासत का हिस्सा बना दिया !
  गांधी, पटेल, सुभाष, आजाद, मौलाना, भगत, टैगोर,मंगल
  आंबेडकर, अशफाक, बिस्मिल जैसे कितनो ने जीवन त्याग दिया
  भूल गए क्यों तुम जिनकी कुर्बानी उन्हें भी जाति धर्म  बाट लिया !
  अब तो छोड़ो ये दलगत राजनीति, देश धर्म का ध्यान करो
  दुनिया की आँख का तारा बने अपना देश ऐसा विचार करो
  सुन लो देश के नेताओ क्या तुमने खुद कभी कुछ छोड़ा है
  देकर एक दूजे को गाली सदा जनता का माल खसोटा है !
  घास फूंस, खाद उर्वरक, डीज़ल पेट्रोल, कोयला, बिज़ली
  किस किस की बात करे जवानो के ताबूतों तक को लूटा है !
  मत लो इम्तहान सब्र का देश के गरीब और किसानो का
  तुम्हारी जान बचाने वाले सीमा पर जान गवांते जवानो का !
  न रहना इस नासमझी में की भारत माता के वीर रहे नहीं
  हवा न दो ऐसी चिंगारी को जिससे अछूता कोई बचे नहीं !
  तपस्या प्रेम के हम पुजारी शांति के हम दूत कहलाते है
  हम उस देश के वासी है जहां पत्थर भी दूध से नहाते है !
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  अंत में बस इतना सुन लो अपनी ओकात में आ जाओ
  देश मेरा है दुनिया में अनूठा, इसकी शान मत गँवाओ !!
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  जय हिन्द , जय भारत, …..!!
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  डी. के. निवातियाँ ………….!!

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