गुरुवार, 26 नवंबर 2015

"माँ"

तू वह नीव ह जिसपे आज मेरी मुस्कराहट कड़ी ह ,
तू वह आँख ह जिससे मैने सपने देखे ह ,
तू वह उम्मीद ह जिसपे आज मेरे हौसले खड़े ह ,
तू वह वक़्त ह जो मझे सिर्फ बचपन दिखाता ह !!!!

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