लिखा नहीं है कुछ आसमानो पे ,
  फिर भी रोज़ ढूंढता हु अपनी किस्मत इन सितारों में ,
  छोड़ रखी है अपनी ख्वाहिशें इन खुली हवाओं में ,
  दिक्कतें बहुत लिखी है मंज़िल तक इन राहो ने ,
  रोज़ एक नयी जंग लड़के आ रहा हु ,
  इस ज़िन्दगी के फलसफे में अपनी ख़ुशी तलाश रहा हु ,
  रोज़ हारता हु फिर लड़ता हु ,
  जीत की उम्मीद में अपने हौसले को तराश रहा हु ,
  एक पल आएगा जबमंज़िल मेरे जूनून और काबिलियत की गुलाम होगी ,
  जब मै बेखौफ हसूंगा, वक़्त उस दिन तेरी हार होगी ||

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