कुछेक पंद्रह  सोलह  साल  पहले  की  ही बात  है ,
  मेरे डॉक्टर  ने  कहा  था ,
  मैडम आपका  हार्ट  एनलार्ज  है ,
  इलाज  करवा  लीजिये,
  भविष्य  में  समस्या  हो  सकती  है 
मैने सोचा हार्ट  एंलार्जेमेंट ,
  तो  कोई  बीमारी  नहीं  लगती है ,
  मेरे  पापा का  भी हार्ट बहुत  लार्ज  था ,
  तो  मेरा  भी हार्ट  एनलार्ज  होना  ही था ,
  अगर  यह  कोई  बीमारी  है  तो,
   वीह   तो हमारे  जींस  से  मिली  है। 
और बात  आई गई  हो  गई ,
  इसी  बीच  हमारे  उन बुजुर्ग  डॉक्टर का ,
  स्वर्गवास  भी  हो  गया ,
  यूँ   ही  बैठे बिठाये ,
  कुछ  दिन  पहले ,
  मुझे  अपनी  उस बीमारी  का ,
  ख्याल  आ  गया।
  हार्ट  एनलार्ज
  ,गर मेरा  था ,
  तो  मुझे  कोई  समस्या ,
  क्यों  नहीं  हुई?
  मेरा,अपने  उन  डॉक्टर  पर,
  अपार  श्रद्धा  और  विश्वास  था।  
मैं इस  बात  से  बहुत  ही  हैरान  हूँ ,
  क्युकि  आज  जब ,
   तरह  तरह  की बीमारियां ,
  मेरा  पता  पूँछ  पूँछ  कर ,
  बिन  बुलाये  मेहमान  की तरह ,
  आ धमकती  हैं। ,
तो  क्या  हुआ  मेरी उस ,
  बीमारी  को ?तो
  क्या  वोह  अपने ,
  आप  ही  ठीक  हो  गई?
  या  मेरा  दिल  ही समय  के  साथ ,
  कुछ  छोटा  हो  गया  है। 

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