सोमवार, 30 नवंबर 2015

हार्ट एनलार्ज

कुछेक पंद्रह सोलह साल पहले की ही बात है ,
मेरे डॉक्टर ने कहा था ,
मैडम आपका हार्ट एनलार्ज है ,
इलाज करवा लीजिये,
भविष्य में समस्या हो सकती है

मैने सोचा हार्ट एंलार्जेमेंट ,
तो कोई बीमारी नहीं लगती है ,
मेरे पापा का भी हार्ट बहुत लार्ज था ,
तो मेरा भी हार्ट एनलार्ज होना ही था ,
अगर यह कोई बीमारी है तो,
वीह तो हमारे जींस से मिली है।

और बात आई गई हो गई ,
इसी बीच हमारे उन बुजुर्ग डॉक्टर का ,
स्वर्गवास भी हो गया ,
यूँ ही बैठे बिठाये ,
कुछ दिन पहले ,
मुझे अपनी उस बीमारी का ,
ख्याल आ गया।
हार्ट एनलार्ज
,गर मेरा था ,
तो मुझे कोई समस्या ,
क्यों नहीं हुई?
मेरा,अपने उन डॉक्टर पर,
अपार श्रद्धा और विश्वास था।

मैं इस बात से बहुत ही हैरान हूँ ,
क्युकि आज जब ,
तरह तरह की बीमारियां ,
मेरा पता पूँछ पूँछ कर ,
बिन बुलाये मेहमान की तरह ,
आ धमकती हैं। ,

तो क्या हुआ मेरी उस ,
बीमारी को ?तो
क्या वोह अपने ,
आप ही ठीक हो गई?
या मेरा दिल ही समय के साथ ,
कुछ छोटा हो गया है।

Share Button
Read Complete Poem/Kavya Here हार्ट एनलार्ज

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें