सोमवार, 30 नवंबर 2015

चल चल चल,
आगे बड़ता चल,
रास्ते हैं टेड़ी-मेड़ी,
जरा तु संभल के चल,
चल चल चल…
आगे बड़ता चल….
मिलेगी तुझे हर एक परेशानी,
हर कठनाईयाँ का सामना करता चल
मंज़िल को पाना हैं,
आगे बड़ता चल…
चल चल चल,
आगे बड़ता चल….
आसमा को झुकाना हैं,
तारे ज़मी पर लाना हैं,
चाहे मिलेगी खुशियाँ,
चाहे मिलेगी गम,
आगे बड़ता चल….
चल चल चल,
आगे बड़ता चल….
रास्ते चाहे कितनी हो टेड़ी-मेड़ी,
आगे बड़ता जाएगें,
हर गम को छोड़,
खुशियाँ लाना हैं,
आगे बड़ता चल….
चल चल चल,
आगे बड़ता चल……
@md.juber husain

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