मंगलवार, 24 नवंबर 2015

मतलब

प्यार करते हो ये सोचकर
कि प्यार मिलेगा,
तब तो तुम्हारे प्यार का
मतलब नही रह जाता।
जान देते हो ये जानकर
कि जन्नत नसीब होगी,
तब तो तुम्हारे मरने का
मतलब नही रह जाता।
दीपक ग़र जले सिर्फ
अपने दामन में रोशनी के लिए,
तो ऐसे दीपक के जलने का ग़म किसे होगा।
हँसते हो ग़र किसी की हंसी छीन कर,
तो फिर तुम्हारे रोने का मातम किसे होगा।
…….देवेन्द्र प्रताप वर्मा”विनीत”

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