ऐसा था उसका जीवन !
  नाम था उसका वीरपन्न !
  एेसा था उसका जीवन !
  गरीबो के प्रति था अपना पन !
  याद करका है जन जन  !
  ऐसा था उस का…………..!
  शुरू हुआ उसका जीवन ,मुख मरी से तोडा माँ नें दम !
  दवाई के लिए पैसे ना थे , खाने के लिए ना था अन्न !
  एेसा था ……………………….!
  14 वर्ष  की आयु थी , बात यह पुरानी थी !
  पैसा की जरूरत थी , कैसे बजाये पैसो की खनखन !
  ऐसा …………… .     ……….!
  फिर एक चक्कर चलाया , दो हाथी मार गिराया !
  बाजार में बेच आया ,कुछ पैसे ले आया !
  कुछ रखा कुछ गरीबो मे बाट आया ,इतना ही था उसके पास धन !
  ऐसा …………………………….!
  मन में जोस था , ईश्वर दोस्त था !
  जीवन भी जीना था , वन मे ही रहना था !
  हाथ मे उठा ली गन !
  ऐसा ……………………………!
  उमर की बडती कतार ,कर रहा  हाथ दांत का व्यापार !
  मन में था गरीबो के प्रति प्यार , करने लगा चन्दन व्यापार !
  जहां रहता वहां था वन !
  ऐसा …………………………..!
  जीवन से ना गबराया , मन्त्री क्या खन्त्री भी आया !
  उसने बडे बडे नेता को मार गिराया !
  कभी बन्दी बनाया तो , कभी छोड आया !
  उसको चाहिये धन !
  ऐसा……………………………………!
  उसने मन्त्री खन्त्री को डराया , राज कुमार अभिनेता को ले आया !
  कई वन रक्षक रो मार गिराया , लूट लिया इस माटी का धन !
  ऐसा ………………………….!
  सरकार मन्त्री ने चक्कर चलाया , एक बडा गिरोह बनाया !
  देख मोका उसे मार गिराया , उसकी आंखो मे था मोतियाबिन्द !
  ऐसा ………………………………!
  उसमें एक बात अच्छी थी , मुह पर बडी बडी मुछै थी !
  उसका एक कसुर था , क्योकी वो गरीब था !
  उसके जीवन का हो गया अन्त !
  ऐसा था उसका जीवन , नाम था उसका वीरप्पन !
शुक्रवार, 27 नवंबर 2015
वीरप्पन
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