मंगलवार, 24 नवंबर 2015

ईश्क की रंग में !! ग़जल !!

तू बेखबर हैं,ये दिल जानता हैं,
फिर भी दिल तुम्हे बेइम्तिहाँ चाहता हैं!

मन मैरा ईश्क की रंग में रंग,
कोरे दिल में तेरी तस्वीर उकेरता हैं!

टूट जाता हूँ उस दिन और भी,
जब हमारी आखिरी मिलन याद आता हैं !

भीगी नैना बरस-बरस के अब तो,
हर पहर तेरी नाम कि माला जपता हैं !

तू खूबसूरत ताजमहल हैं मेरे जहा की,
आशिक तेरे एक झलक को तरसता हैं !

@@Dushyant patel@@

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