गीत Geet
—–
आशिक़ी आशिक़ी बन्दगी बन्दगी
तू ही आशिक़ी तू ही सादगी तू ही बंदगी है
तू ही नाज़नीं तू ही महज़बीं तू ही ज़िंदगी है
—–
मेरा दिल पे नहीं अब काबू है,काबू है- काबू है
तेरे इश्क़ का मुझपे जादू है, जादू है- जादू है
दिल बेक़रार जाने बहार कर ले तू प्यार आजा
महबूब यार तुझपे निसार सोला श्रृंगार आजा
—–
ये दिल मेरा दीवाना है, दीवाना है – दीवाना है
ये पागल है मस्ताना है, मस्ताना है-मस्ताना है
पतली कमर है बाली उमर है क़ातिल नज़र है आजा
सबसे हंसी तू कमसिन बड़ी तू सबको ख़बर है आजा
—–
तेरी बिखरी ज़ुल्फ़ें सावन सी ,सावन सी -सावन सी
तेरे तन की ख़ुश्बू मधुबन सी,मधुबन सी-मधुबन सी
नागन सी चाल मदहोश हाल कर दे ना ये दि वाना
ये है ख़याल क्या होगा हाल देखेगा जब ज़माना
—-
SALIMRAZA REWA 9981728122
मंगलवार, 24 नवंबर 2015
GEET आशिक़ी आशिक़ी बन्दगी बन्दगी SALIM RAZA REWA
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें