शुक्रवार, 25 सितंबर 2015

।।ग़ज़ल।।तेरी आजमाइस पर खरा उतरूंगा।।

।।ग़ज़ल।।आजमाइस पर खरा उतरूंगा।।

मिल न सकी दर्दो से रहाइस पर खरा उतरूंगा ।।
तेरी चाहत’ तेरे सपने’ तेरी ख़्वाइस पर खरा उतरूंगा ।।

यक़ीन न हो तो जायज़ा ले ले मेरे दिल का ।।
मैं तेरे दिल की हर आजमाइस पर खरा उतरूंगा ।।

तुझे भी भुला दूँगा’ तेरी ख़ुशी के लिये ऐ दोस्त ।।
कर के देख ‘तेरी फरमाइस पर खरा उतरूंगा ।।

नसीब में होगा गम तो आयेगा तेरे हिस्से में भी ।।
मेरी मत करना कोई पैमाइस पर खरा उतरूंगा ।।

ये मेरे वादे है तेरी कोई तेरी झूठी सौगात नही ।।
मैं तेरे ‘साहिल’ की हर नुमाइस पर खरा उतरूंगा ।।

..R.K.M

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