रविवार, 27 सितंबर 2015

मेरा रखवाला सबसे बड़ा(कवि:- शिवदत्त श्रोत्रिय)

मेरा रखवाला सबसे बड़ा
हर पल वो मेरे साथ खड़ा||

मुझको फिर क्या चिंता है
जब उनका हाथ रखा है
उनको तो सब सुलभ है
जिसमे हो मेरी भलाई
करते है प्रभु वो सदा ही
मुझको तो रहना है कृपा की छाया मे …..
मेरा रखवाला…………

जब प्रभु के दर मे जाता
देख के मुझको आता
प्रभुजी यो मुझसे कह रहे है
दुखो से मत घबराना
बस मुझको आवाज़ लगाना
रक्षा करूँगा तेरी तूफ़ानो मे….
मेरा रखवाला…………

बचपन से इनको जाना
इनको ही अपना माना
ये मेरे प्राणो के आधार है
जब मन मे कुछ दुविधा हो
आकर इनको बतलाना
तेरे सब काम होंगे इशारो मे…
मेरा रखवाला………… कवि:- शिवदत्त श्रोत्रिय

Share Button
Read Complete Poem/Kavya Here मेरा रखवाला सबसे बड़ा(कवि:- शिवदत्त श्रोत्रिय)

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें