[1]
  सपने मेरी
  ज़िन्दगी फुलवारी
  तुम  बसंत !!   
[2]
  पिया न आयी
  पनघट पुकारे
  नैन निहाँरे  !!   
 [3]
  सावन घटा
  बरसे रिमझिम
  पिया भी साथ !!   
[4]
  हमराही तू
  मै बादल आवारा
  चलूँगा साथ !!   
[5]
  तुम दर्पण
  देखू सुबह शाम
  करू श्रृंगार !!  
दुष्यंत पटेल //कृष//
Read Complete Poem/Kavya Here सपने मेरी //हाइकु//
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