शुक्रवार, 5 फ़रवरी 2016

मुक्तक- "नारी"-शकुंतला तरार

“नारी”
एक खूबसूरत एहसास है नारी
इच्छाओं की प्यास है नारी
जीवन के इस वातायन में
प्यार भरा मधुमास है नारी ||
शकुंतला तरार रायपुर (छ.ग.)

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