आया बसंत
फूल खिलने लगे
पतझड़ में !!
मीठी सी धूप
अमवा पे बहार
बौर आने की !!
खेतो में सजे
कच्ची पक्की फसल
बालियाँ झूमे !!
सरसों पर
खिलते पीले फूल
तितली नाचें !!
रंग बिरंगे
दुल्हन की तरह
खेत है सजे !!
कोयल गाती
सरगम सुनाती
आम की डाली !!
देख फसल
किसान मुस्कुराये
खेत की मेढ़ !!
!
!
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डी. के. निवातियां…………@@@
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