शुक्रवार, 5 फ़रवरी 2016

इंतज़ार कब तक

जाने वो बहार आयेगी कब तक ॰
पिया मिलन का इंतज़ार कब तक ।
न दिन बीते न रात कटे ,
राह से उसकी अब न नज़र हटे
वो तड़पाता है; पल पल हमें ,
रहे दिल उसके लिए बेक़रार कब तक,
पिया मिलन का…………
वो सावरा मन मीत मेरा ,
वो है होंठो का गीत मेरा
वो चित चोर हर जाई है !
रहेगा मुझसे वो दूर कब तक ,
पिया मिलन का………….
तू मेरा है हमदम मेरे,
तुझ पर कुर्बान है सारे जनम मेरे
मेरे दिल का तू विश्वास है
होगी जाने तुझसे मुलाकात कब तक…।
पिया मिलन का………….
जग सारा ये पागल है !
ये प्यार का मतलब क्या जाने ..
प्यार के हर एक बंधन को…
हम प्रेमी जाने या रब जाने.
हमारी मोहब्बत को मंजिल मिलेगी कब तक
पिया मिलन का इंतज़ार कब तक………….।

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