——-सैनिकों के अपमान पर——-
सैनिकों ने शोणित से
            सींच के सँवार दिया,
  जग में बुलंद किया
             भारती का नाम है
  पर मंदिरों में जो
            ले जाता है निरोध
  आज करता विरोध
       और लगाता इल्जाम है 
अब तो उबालो सब
                 रग-रग में बसा जो
  राणा और शिवाजी वाला
                  रक्त हुआ जाम है
  देशद्रोहियों की फिसली
                 जुबान काटने का
  दरबारों का ना हम
               सब का भी काम है 
कवि देवेन्द्र प्रताप सिंह “आग”
  9675426080

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें