शादी का कार्ड घर आया l
  मैंने भाग्यवान को समझाया l
  शादी में शगुन तो जाना है l
  सब को साथ लेकर जाना हैll 
शादी आई ………………………..
बारात गेट पर आ गयी सब नाचे गाये l
  कैमरे के आगे हम भी दुमका लगाये ll
  गेट में घुसते ही चेहरे पर मुस्कान आई  l
  मौका मिला, खोमचे की और दौड़ लगाई ll
  परिवार से कहा जो जिसे पसंद  है खाओ l
  आखिर शगुन तो वसूल करके आओ ll
  टिक्की ,भल्ले ,पापड़ी सबके पत्ते उड़ाए l
  बीच में अपनों से नज़रे मिलाते जाये ll
  हाथ में थी पाव-भाजी ,मुँह था खुला l
  आगे क्या खाना है सूखा या तला ll
  भर गया पेट पर नियत ना भर पायी l
  गर्म काफी के ऊपर ठंडी कुल्फी खाई ll
  खिलाकर बनावटी मुस्कान चेहरे पर
  एक दूजे को सब अपनापन दिखाए l
  नास्ता करो ! कहकर अपना पीछा छुड़ाए ll
  खाया पिया फिर चलने को हुए तैयार l
  शगुन से जयादा वसूला, किया नमस्कार ll
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