बुधवार, 23 मार्च 2016

शादी का निमंत्रण(व्यंग)

शादी का कार्ड घर आया l
मैंने भाग्यवान को समझाया l
शादी में शगुन तो जाना है l
सब को साथ लेकर जाना हैll

शादी आई ………………………..

बारात गेट पर आ गयी सब नाचे गाये l
कैमरे के आगे हम भी दुमका लगाये ll
गेट में घुसते ही चेहरे पर मुस्कान आई l
मौका मिला, खोमचे की और दौड़ लगाई ll
परिवार से कहा जो जिसे पसंद है खाओ l
आखिर शगुन तो वसूल करके आओ ll
टिक्की ,भल्ले ,पापड़ी सबके पत्ते उड़ाए l
बीच में अपनों से नज़रे मिलाते जाये ll
हाथ में थी पाव-भाजी ,मुँह था खुला l
आगे क्या खाना है सूखा या तला ll
भर गया पेट पर नियत ना भर पायी l
गर्म काफी के ऊपर ठंडी कुल्फी खाई ll
खिलाकर बनावटी मुस्कान चेहरे पर
एक दूजे को सब अपनापन दिखाए l
नास्ता करो ! कहकर अपना पीछा छुड़ाए ll
खाया पिया फिर चलने को हुए तैयार l
शगुन से जयादा वसूला, किया नमस्कार ll

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