जिंदगी जानने का मकसद लिए
लाखों शरीर रोज दुनिया में आते है
जो जिंदगी को समझने की कोसिस में
जिंदगी में ही उलझ कर रह जाते है
जिंदगी के रहस्य को सुलझाने की कवायद
यहाँ सदियों से हर रूप में जारी है
लेकिन न जाने कितनी दार्शनिक नजरें
समय के साथ धूमिल हो चुकीं है
और कितनी ही धूमिल होने की कतार में है
शायद कभी कोई जान पाये उस
श्रेष्ठ दार्शनिक की कारीगरी
जिसे हम ईश्वर नाम से जानते है ?
जिसके कारण से जिंदगी की धारा
यूँ ही नित नयी बिना रुके जारी है
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