अम्मा बड़ी हताश हैं पप्पू बहुत उदास।
  सत्ता का घोड़ा छुटा, छुटी हाथ से रास।।
  रंग बदरंग हो गये।
  खोपड़े तंग हो गये।।
  जनाधार को खिसकता देख रहे अखितेश।
  अफसर भुगतेंगे अगर हार गये वह रेस।।
  नतीजा जो भी आये।
  हिले कुर्सी के पाये।।
  अनुमानों की रेस में हाथी का है क्रेज।
  बीजेपी भी धार से लगती है लबरेज।।
  पास आया सन सत्रह।
  कांग्रेस करे दुराग्रह।।
  पगड़ी वाले छुटे तो मिले केजरीवाल।
  गठे चुटकुले इस तरह बन गयी एक मिसाल।।
  फंसे हैं ऑड इवेन में।
  बसे हर दल के मन में।
  लालू और नितीश की खिचड़ी बड़ी कमाल।
  धरी रही मैनेजरी उतर गयी सब खाल।।
  अमित जी कला खा गये।
  विरोधी किला पा गये।।
  होली देहरादून में रंगीली इस बार।
  रंग चले कुछ इस तरह संकट में सरकार।।
  वेवफा कुर्सी भइया।
  डुबाये किसकी नैया।।
  अन्ना जी खामोश हैं रामदेव वाचाल।
  टीवी पर वह बेचते तरह तरह का माल।।
  लगा मैगी पर ताला।
  योग संग बिके मशाला।।
  रँग जेएनयू में बंटे लिए बाल्टी आव।
  देशद्रोह से पगे हैं गुझिया पापड़ खाव।।
  राहुल जी के मन भाए।
  कन्हैया घर हो आये।।
  होली का त्यौहार है मेलजोल की रस्म।
  उर की कटुता आज से होनी चाहिय भस्म।।
  प्रेम की जय जय बोलो।
  कर्म में मिश्री घोलो।।
गुरुवार, 24 मार्च 2016
होली का त्यौहार है
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