बिखरते रिश्ते
इतना पवित्र बंधन अब फेल हो गया हैं ,
                             शादी तो गुड्डे गुड़ियों का खेल हो गया है,
  बनते है आज, रिश्ते, ऑनलाइन ही यहाँ पर
                       मिलने का आज जरिया,व्हाट्सप्प और ईमेल हो गया है 
शादी तो गुड्डे गुड़ियों का खेल हो गया है.
जुड़ते है पल में, रिश्ते, और टूट भी जाते है,
                     शादी के बाद भी वो ,तनहा हो जाते है
  समझौता शब्द तो बस गोल हो गया है
शादी तो गुड्डे गुड़ियों का खेल हो गया हैं
किस बात से खफा मै,किस बात से खफा वो,
                                    क्यूँ जानना मै चांहूँ,क्यूँ हैं जुदा जुदा वो
                       ईगो क्या आया ,सब झोल हो गया हैं 
शादी तो गुड्डे गुड़ियों का खेल हो गया हैं
खायी थी हमने कस्मे,वादे थे ढेर सारे
                            शादी के बाद क्यूँ ?बिखर, गए सारे
                   प्यार शब्द तो,जैसे ,बेमोल हो गया हैं 
शादी तो गुड्डे गुड़ियों का खेल हो गया हैं
उसके आये थे बाराती ,उठी थी उसकी डोली
                                 आज जब मिली तो, वही मुझे बोली                                                               हम दोनों का अब तलाक हो गया हैं……
                                              विवाह, का ये बंधन ,अब मजाक हो गया हैं 

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