हो जाने दो …….. ( ग़ज़ल )
अश्क नही ये गमो का सागर है इसे बह जाने दो
न रोको इन्हे तुम आजा पानी पानी हो जाने दो !
कैसे गुजरते पल जुदाई के अगर जानते हो तो
लगा लो सीने से अरमान दिल के पूरे हो जाने दो
संग में बीती यादों का गुजरा एक लम्हा हूँ मैं,
इस पल को भी जिंदगी का हसीं पल हो जाने दो !
चाहे तो रख ले समेटे कर या गुजर जाने दे मुझे,
या करके बेरुखी हमसे टूटकर चूर चूर हो जाने दो !
चाहत है के बन जाऊं मै तेरे होंठो की मुस्कान
हसरत इस दिल की ये भी परवान हो जाने दो !
तेरी हर ख़ुशी हर गम का राज मैं तेरे आंसू भी हूँ
दूर जाना है मुश्किल,शामिल तुम में हो जाने दो !
न रहे गिला शिकवा बाकी जिंदगी से “धर्म” को कोई
मिलके हर हसरत आज इस दिल की पूरी हो जाने दो !!
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डी. के. निवातियां_________@@@
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