पूरब हो या पश्चिम हो या बात करें उत्तर दक्षिण की
हर जगह कोलाहल है बस केवल आरक्षण की
यू.पी. हो या एम.पी हो या फिर हरियाणा राजस्थान है
आरक्षण की आग में झुलसा पूरा हिन्दुस्तान है
आरक्षण केवल राजनीतिक हथकंडा है
सत्ता पाने का केवल एक सियासी धंधा है
आरक्षण वैशाखी है शासन करने वालों की
और सहारा बन जाता है मेहनत से डरने वालों की
जो अपनी प्रतिभा के दम पर कुछ खास नहीं कर पाते है
वो केवल आरक्षण के बल पर आगे बढ़ जाते हैं
आरक्षण का जब तब राग अलापा जाता है
प्रतिभा को भी जाति के मापदंड से मापा जाता है
मेहनतकश भी कभी कभी वंचित रह जाते हैं
जब प्रतिभा के बदले जाति देखे जातें है
कुछ लोगों के तो इतने भविष्य सुरक्षित होते है
क्योंकि इनकी श्रेणी पहले से ही आरक्षित होते है
आरक्षण हल नहीं है अपितु समस्याओं की जड़ है।
केवल वोट बैंक की खोने का डर है।
संविधान में की जाने वाली गड़बड़ है।
राजनीति का जरिया भर है।
भरपाई अब कौन करेगा इससे होनेवाले नुकसान की
विश्व पटल पर ध्ूामिल होती छवि हिन्दुस्तान की।
गुरुवार, 17 मार्च 2016
आरक्षण की आग
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