माँ तु हि है जन्म दाता,
तेरे बिना जीवन खटकाता।
हाथ पकड़ कर चलना सिखाया,
गीली बिस्तर से सुखे में सुलाया।
पढाई में मदद कर के महान बनाया,
सब ने तेरे रुप में ही खुदा पाया।
अंधेरी रात में लोरी देकर दुःख को दुर भगाया,
निंद्रा के सपनो को दुनिया में तुने दिखाया।
जब में रोया तो तेरी आँख में आँसु आए,
जब हँसा फिर भी तेरी आँख में आँसु आए!
मंज़ील का रास्ता मैं भूल गया था,
उसे तु ने ही पार लगाया।।
माँ तु हि है जन्म दाता…,
© Mayur Jasvani
2012
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