महाशिवरात्रि जब से मंदिरों में कलह का घंटा बजने लगा है , मन बार - बार सीढियाँ चढ़ता , फिर उतरने लगा है अगरबत्ती में भर गई है मरघट की गंध हवन की समिधा में दहशत के अनुबंध ऐसे में शंकर लापता है हिमालय में जा बसा है भोले शंकर , त =?UTF-8?B?4KWB4KSu4KWN4KS54KWH4KSCIOCkq +Ckv+CksCDgpLjgpYcg4KSu4KSC4KSm?= िरों में आना होगा नहीं तो कलयुग और तबाही मचायेगा लोग अपने अपने घरों से हाथ जोड़ लेंगे धर्म भूखा सो जायेगा अक्षत , पुष्प और चन्दन लिए शंकर तुम्हें आमंत्रित करते हैं कृपा करो अब लौट आओ शंकर अब लौट आओ शंकर l
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