गुरुवार, 4 फ़रवरी 2016

एक तमन्ना ऐसी मेरी

है तमन्ना मेरी ऐसी___

कि, मंद- मंद पुरवाई में
प्रीत के झोंके हो दिलों में

गुजारू एक रात सुहानी
श्वेत रेतीले टीलों में।।

हो चमक चाँदी सी जब
रेतीले हर कण -कण पर

लिख दूँ एक प्यारा सा नग़मा
उसकी चूड़ियों की खनक पर

चिलमीलिका के चमक सा
उसके टीके का हो चमकना

अरमानो की बुझती लो का
फिर अचानक से हो मचलना

झिलमिलाती सी चाँदनी में
जब देखूँ उसे दुल्हन सी सजी।

जब पास आएँ वो मेरे
उठे हवा में महक सी

फिर बहक उठे तन मन मेरा।
मधुर मिलन की आस में

अंग अंग पुलकित होकर
झूम जाए रास में

हो मदहोश सारा समां ज्यों
सावन की फुँहार सा

देख ऐसा रूप चंचल
बरस उठे घन प्यार का

बड़ी प्यारी बड़ी न्यारी
सुखद तमन्ना हैं मेरी

मगर डर है की कहीं
तमन्ना मुरझा न जाए मेरी

अनमोल तिवारी “कान्हा”

पुराना राशमी रोड, पायक मोहल्ला
कपासन (312202) जिला चित्तौड़गढ़
राजस्थान
सम्पर्क :-9694231040
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