बेटियां …( लेजेन्ट ऑफ़ फैन भगत सिंह 2016)
बेटियों को क्यों माना जाता है (अभिशाप)
आज के ज़माने में तो बटी को ही गला घोंट कर मर देता है खुद बेटी का बाप |
जिस उम्र में बेटी की उम्र होती है झूले झूलने की
फांसी लगाकर, इज्जत लूटकर इज्जत वीरान कर देते है हमारी बेटियों की
सच कहु तो बेटियों को माना जाना चाहिए भगवन
क्यों दे दिया जाता एक बेकसूर बेटियों को कलंकनी और अभिशाप का नाम ……..
क्या इस दुनिया में आने का बेटी करती है कोई गुनाह
आज के इस कलयुग में बेटी से अच्छी क्या कोई चीज़ है यहाँ
दुल्हन दहेज़ से बड़ी होती है
मगर दहेज़ देने के बाद वो जिंदगी भर रोटी है
दहेज़ के चक्कर में बेटियों को जल दिया जाता है
जो बेटी अपने घर से दहेज़ न लाये उसे एक गुनहगार समझा जाता है
हमें बदलनी होगी अपनी सोच
क्योकि दहेज़ के चक्कर में बेटी जलकर फांसी लगाकर मर रही है रोज …..
हमें दहेज़ प्रथा बंद करनी पड़ेगी
क्योकि तभी अच्छी सास, अच्छी सासु और बेटी अच्छी बहु बनेगी
इसे बंद करवा दो इस पर करके केस
क्योकि इसी के बंद होने के बाद बढ़ सकेगा हमारा देश
घर की इज्जत होती है बेटियां
आगे बढ़कर नाम कमेटी है बेटियां
देश के लिए कुछ भी कर दिखती है बेटियां
साइना नेहवाल जैसी होती है बेटियां
लड़को के पीछे मारी जाती है बेटियां
लड़को से भी ज्यादा अच्छी होती है बेटियां
लड़के रुलाते है और सबको हँसाती है बेटियां
सूरज की पहली किरण सी होती है बेटियां
परिवार के लिए सब कुछ खो देती है बेटियां
मगर कन्या भूर्ण हत्या से नही बच पति है बेटियां
दहेज़ के चक्कर में जल जाती है बेटियां
फूल से भी नाजूक होती है बेटियां
परिवार के पीछे जान कुर्बान कर देती है बेटियां
भारत की शान होती है बेटियां
बेटियों से बड़ा कोई इनाम नहीं
बेटियों को मर डालना कोई अच्छा काम नहीं
बेटियां चाहे तो दिन रात कमा सकती है
और अपने पुरे परिवार को एक साथ बैठाकर खिला सकती है
बेटी बन सकती है भारत की शान
और कर सकती है अपने पुरे परिवार और देश का रोशन नाम
बेटी को पढ़ना है
और भारत आगे बढ़ाना है
लेखक :- साहिल शर्मा s /o मनोज शर्मा ( लेजेन्ट ऑफ़ फैन भगत सिंह 2016)
संपर्क :- +91 9896976601
+91 8570066412
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