हे रहवर ,  तेरे दर पर हजारो माथे झुकते है |
  रोज तेरे दर पर मेरा सिर भी सज्जादा करता है |
  अनेको की कतार मै भी दोषी हूँ
  बचपन तेरे दर पर बना सवाली है |
  धर्म /मजहब की दर पर बचपन बना सवाली है
  तू तो पूरे दुनिया का रखवाला है |
  हजारो की कतार में बचपन बना सवाली है |
  धर्म /मजहब की दर पर बचपन बना सवाली है |

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