मुझे मंज़िलों का पता नहीं
  मेरे रास्ते मेरे साथ हैं,
  तुझे सिर्फ मेरी ही प्यास है,
  मुझे मंज़िलों की तलाश है।
तूँ खड़ा जो मेरी राह में ,
  मुझे ताकने की चाह में,
  तुझे एक नज़र की आश है ,
  मुझे मंज़िलों की तलाश है।
मुझे बच के चलने का हुक्म है,
  मेरी एक नज़र भी ज़ुल्म है ,
  तेरे सौ गुनाह भी माफ हैं,
  मुझे मंज़िलों की तलाश है।
तेरी फब्तियाँ तेरी मस्तियाँ ,
  खामोश रहती ये बस्तियाँ,
  सब जानकर चुपचाप हैं,
  मुझे मंज़िलों की तलाश है।
तेरा जुनून तेरी आशिक़ी ,
  मेरा जुनून मेरी मंज़िलें ,
  मेरी बंदगी मेरे साथ हैं ,
  मुझे मंज़िलों की तलाश है।
  #Daideeptya
  Anil Kumar Singh’s photo.

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