बुधवार, 20 मई 2015

मुझे मंज़िलों का पता नहीं
मेरे रास्ते मेरे साथ हैं,
तुझे सिर्फ मेरी ही प्यास है,
मुझे मंज़िलों की तलाश है।

तूँ खड़ा जो मेरी राह में ,
मुझे ताकने की चाह में,
तुझे एक नज़र की आश है ,
मुझे मंज़िलों की तलाश है।

मुझे बच के चलने का हुक्म है,
मेरी एक नज़र भी ज़ुल्म है ,
तेरे सौ गुनाह भी माफ हैं,
मुझे मंज़िलों की तलाश है।

तेरी फब्तियाँ तेरी मस्तियाँ ,
खामोश रहती ये बस्तियाँ,
सब जानकर चुपचाप हैं,
मुझे मंज़िलों की तलाश है।

तेरा जुनून तेरी आशिक़ी ,
मेरा जुनून मेरी मंज़िलें ,
मेरी बंदगी मेरे साथ हैं ,
मुझे मंज़िलों की तलाश है।
‪#‎Daideeptya‬
Anil Kumar Singh’s photo.11143136_923657374364214_7572910916513062791_n

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