ख़ुशी तो अमृत जैसी,
  एक बूँद जीवन बचा सकती है !
  क्षण भर की ख़ुशी,
  जन्मो का गम मिटा सकती है !! 
नहीं चाहिए  मुझे,
  दो किनारो सी जिंदगी !
  जो साथ रहे,
  पर कभी मिल न सके !!
अगर दे सको तो
  दो हाथो जैसा संग दे दो
  जिनकी भले दो दिशा
  मगर जरुरत में मुट्ठी बन सके …!!
प्रेम गंगा में तो सब नहाये,
  हर कोई राधा कृष्ण नही होता !
  रखने से पत्थर की मूरत,
  हर इमारत शिवाला नही होता !! 
तू पास रहे या दूर,
  क्या फर्क पड़ता है !
  मोहब्बत में है वफ़ा,
  तो कही से भी सुनाई देगी …!!
जहन में उठता
  एक तूफ़ान किसी डर का,
  तमाम खुशियों को
  संग बहाकर ले जाता है…. !! 

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें